लगघाटी के दोघरी गांव में माता फुंगनी के आदेश के बाद धान रोपाई का कार्य शुरू
माता के पुजारी सबसे पहले करते है धान रोपाई
गांववासी आज भी देव आदेश पर करते है जैविक खेती
प्रिंट स्टोरीज ब्यूरो कुल्लू
जिला कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में जहां देव संस्कृति का खूब मान सम्मान है। तो वहीं हर कार्य देवी देवताओं की इजाजत से ही किया जाता है। ऐसे में जिला कुल्लू की लगघाटी में भी माता फुंगनी के आदेश के बाद अब ग्रामीणों ने धान की रोपाई शुरू की है। लग घाटी के दोघरी गांव में माता फुंगनी के आदेशों के बाद ग्रामीणों ने लाल चावल की पौध लगाई है। तो वही देव परंपरा का भी इसमें निर्वाह किया गया है।

कालग गांव के रहने वाले चुन्नीलाल का कहना है कि यह पूरा इलाका माता फुंगनी के आदेशों पर चलता है और उसी के आदेशों के बाद यहां पर धान की बिजाई की जाती है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले पुजारी के द्वारा खेतों में धान की पौध जाती है और उसके बाद सभी महिलाएं मिलकर धान की रोपाई करते हैं। ग्रामीण चुनी लाल का कहना है कि यहां पर इलाके में माता फुंगनी की काफी मान्यता है और यहां पर किसी भी प्रकार की स्प्रे, दवाइयों का प्रयोग करना भी प्रतिबंधित है।

ऐसे में आज भी ग्रामीण देव आदेश के चलते प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और खेतों में सिर्फ गोबर की खाद का ही प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि लाल चावल अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है और अब बाजार में भी इसकी काफी डिमांड है। ऐसे में अब अक्टूबर माह में यह धान की खेती पूरी तरह से तैयार हो जाएगी और उसके बाद देव आदेश मिलने पर ही इस की कटाई भी की जाएगी।