अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए तैयार होने लगा ढालपुर मैदान
पहली बार होगा सांस्कृतिक परेड और कुल्लू कार्निवल का आयोजन
सफाई व्यवस्था के लिए तैनात होंगे 200 अतिरिक्त कर्मचारी
प्रिंट स्टोरीज ब्यूरो कुल्लू
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव जहां ढालपुर मैदान में 24 अक्टूबर से मनाया जाएगा। तो वहीं अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में जिला कुल्लू के समस्त देवी देवताओं के दर्शन भी लोगों को ढालपुर मैदान में होंगे। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है और दशहरा उत्सव में भाग लेने वाले देवी देवताओं को भी निमंत्रण भेज दिया गए हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम में 20 देश के सांस्कृतिक दल भी अपनी प्रस्तुति देंगे। वहीं पहली बार दशहरा उत्सव के दौरान सांस्कृतिक परेड और कुल्लू कार्निवल कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है। इस अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का शुभारंभ प्रदेश के राज्यपाल के द्वारा किया जाएगा। जबकि समापन प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के द्वारा किया जाएगा । ऐसे में देवी देवताओं के महाकुंभ के नाम से मशहूर अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक दलों को भी निमंत्रण भेज दिया गया है।

ढालपुर के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की बात करें तो यह दशहरा उत्सव भगवान रघुनाथ को समर्पित है। कल्लू के राजा जगत सिंह के द्वारा अयोध्या से भगवान रघुनाथ की मूर्ति को यहां लाया गया था और उसके बाद भगवान रघुनाथ के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आयोजन हर साल किया जाने लगा। 1600 ई में कल्लू के राजा जगत सिंह के द्वारा एक ब्राह्मण पर झूठा आरोप लगाया गया था। तो वही ब्राह्मण ने भी राजा के डर से अपने परिवार के साथ आत्मदाह कर लिया था। ऐसे में राजा को काफी पश्चाताप हुआ और राजा को एक गंभीर बीमारी भी लग गई। इस बीमारी से मुक्ति पाने के लिए वैष्णव संप्रदाय के सिद्ध महात्मा कृष्णदास पेयहारी ने उन्हें भगवान रघुनाथ को कुल्लू लाने के बारे में निर्देश दिए। तब से भगवान रघुनाथ कुल्लू के राजा हुए और राज परिवार ने छड़ी बरदार के रूप में भगवान रघुनाथ की सेवा करनी शुरू कर दी।

जिला कुल्लू के मकराहड़, हरिपुर, मणिकरण, ठाउवा, वशिष्ठ और ढालपुर में दशहरा उत्सव मनाने की परंपरा है। इन जगहों पर कुछ दिनों के लिए ही दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता है। जबकि ढालपुर मैदान में 7 दिनों तक भव्य तरीके से दशहरा उत्सव मनाया जाता है। दशहरा उत्सव के पहले दिन माता हडिंबा राजमहल पहुंचती है और उनके आगमन से अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शुरुआत की जाती है। वहीं दोपहर के समय भगवान रघुनाथ ढोल नगाड़ों के साथ ढालपुर मैदान पहुंचते हैं और यहां पर भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस रथ यात्रा में सैंकड़ो देवी देवता भी भाग लेते हैं और भगवान रघुनाथ ढालपुर के अस्थाई शिविर में 7 दिनों तक अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। 7 दिनों के बाद सभी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद भगवान रघुनाथ वापस अपने मंदिर रघुनाथपुर लौट जाते हैं और दशहरा उत्सव का भी समापन किया जाता है।

कोरोना कल के दौरान अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में मात्र 7 देवी देवताओं के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई गई थी। लेकिन उसके बाद फिर से अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव अपनी भव्यता के साथ ढालपुर मैदान में मनाया जा रहा है। इस बार भी जिला प्रशासन के द्वारा 332 देवी देवताओं को दशहरा उत्सव के लिए निमंत्रण भेजा गया है और ढालपुर मैदान का भी इन दिनों सौंदर्यीकरण प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है। रथ मैदान में जहां घास लगाई जा रही है तो वही ढालपुर के बाकी मैदान को भी समतल किया जा रहा है। रोशनी के लिए भी अतिरिक्त चार हाई मास्क लाइटों का प्रावधान किया गया है। वही अबकी बार कैनोपी टेंट भी प्रशासन के द्वारा व्यापारियों को मुहैया करवाए जा रहे हैं।

सीपीएस सुंदर ठाकुर का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में अबकी बार बहुत कुछ नए काम किया जा रहे हैं। देवी देवताओं के महाकुंभ के नाम से मशहूर अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में प्रदर्शनी मैदान में भी सांस्कृतिक मंच स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा सांस्कृतिक परेड में भी विभिन्न राज्यों के संस्कृति लोगों को देखने को मिलेगी। कला केंद्र में भी अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था की जा रही है। ताकि बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को भी सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने का मौका मिल सके।

वही नगर परिषद कुल्लू के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत ने बताया कि दशहरा उत्सव में सफाई व्यवस्था के लिए 200 अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। जो यहां पर स्वच्छता का पूरा ध्यान रखेंगे। इसके अलावा नगर परिषद के द्वारा व्यापारियों से भी आग्रह किया जाएगा कि वे अपने स्टाल के आसपास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।