1400 करोड़ की लागत से बनेगा सुमदो ग्राम्फू काजा सड़क मार्ग – रवि ठाकुर
तीन चरणों में समदो काजा ग्राम्फू मार्ग होगा पूरा
प्रिंट स्टोरीज ब्यूरो कुल्लू
चीन की सीमा से सटे समदो बार्डर तक भारतीय सेना अब कम समय में और सुगम सफर के साथ पहुंच सकेगी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्राम्फू-काजा-समदो तक के 202 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग को डबललेन करने की केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। सड़क को डबललेन करने पर लगभग 1400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने आज ढालपुर में जानकारी देते हुए बताया की सड़क को चौड़ा करने के लिए इन दिनों भूमि हस्तांतरण का कार्य चल रहा है। इस सड़क के डबललेन होने से जहां भारतीय सेना आसानी से समदो बार्डर तक पहुंच सकेगी, वहीं मनाली से शिमला तक टूरिज्म सर्कल विकसित होगा। मनाली आने वाले सैलानी अटल टनल, काजा होते हुए शिमला कम समय में पहुंच सकेंगे।

डबललेन मार्ग बनाने की प्रक्रिया शुरू
इस सड़क के डबललेन होने के बाद तीन से चार घंटे में काजा पहुंचा जा सकेगा। यह सड़क मार्ग पहले पीडब्ल्यूडी विभाग के पास था । इसकी महत्तता को देखते हर इसे बीआरओ को दे दिया था। 2020 में इसे बीआरओ से पीडब्ल्यूडी विभाग को दे दिया। 2021 में फिर से इसे बीआरओ के हवाले कर दिया। 2021 में बीआरओ ने इस मार्ग को डबललेन मार्ग बनाने की प्रक्रिया शुरु की।
काजा घाटी से लेह को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू
लाहुल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि ग्राम्फू काजा मार्ग 1400 करोड़ से डबललेन बनने जा रहा है। निर्माण कार्य की सभी ओपचारिकता पूरी कर ली है। बीआरओ 205 किमी लंबे मार्ग को तीन चरणों में पूरा करेगा। तीन साल के भीतर कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। काजा घाटी को लेह से जोड़ने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है।

14931 फुट ऊंचे दर्रे से होकर बना है मार्ग
ग्राम्फू-काजा-समदो मार्ग समुद्र तल से 14931 फीट की ऊंचाई पर स्थित कुंजम दर्रा से होकर बना है। इसको डबललेन करने का कार्य भी इसी दर्रे से होकर किया जाएगा। हिमाचल से सटे चीन बॉर्डर में भारतीय सेना के ठिकानों को इस मार्ग के बनने से मजबूती मिलेगी। आगामी वित्त वर्ष में इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस सड़क के डबललेन होने के बाद पठानकोट से मनाली होते हुए भारतीय सेना समदो बार्डर तक पहुंचेगी। गौरतलब है कि स्पीति घाटी पर्यटन के लिहाज से खूबसूरत कस्बा है। वर्तमान में शिमला-किन्नौर होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है। ग्राम्फू-काजा-समदो सड़क मार्ग बनने के बाद कुल्लू, मनाली और शिमला नए पर्यटन सर्कल के रूप में विकसित हो सकेंगे। मनाली पहुंचा पर्यटक अटल टनल रोहतांग होते हुए इस मार्ग से तीन से चार घंटे में काजा पहुंच सकेगा। यहां से वह सीधा शिमला होते हुए अपने गंतव्य को वापस भी लौट सकता है। इसी प्रकार शिमला से किन्नौर, काजा, ग्रांफू होते हुए पर्यटक अटल टनल रोहतांग से मनाली भी पहुंच सकेंगे। चीन से सटे समदो बार्डर को जोड़ने वाली यह सड़क वर्तमान में खस्ताहाल है। लगभग 202 किलोमीटर लंबी यह सड़क जगह-जगह कच्ची है, जिस वजह से ग्राम्फू से काजा तक करीब 120 किलोमीटर का सफर तय करने में ही आठ-नौ घंटे लग जाते हैं। इस सड़क के डबललेन होने के बाद तीन से चार घंटे में काजा पहुंचा जा सकेगा। भारतीय सेना के वाहन भी पठानकोट से वाया शिमला-किन्नौर होकर समदो बार्डर तक पहुंचते हैं।