एनजीटी ने मांगा बिजली महादेव रोपवे मामले में जबावएनजीटी ने मांगा बिजली महादेव रोपवे मामले में जबाव
ढालपुर में विरोध समिति ने एडीएम को सौंपा ज्ञापन
प्रिंट स्टोरीज ब्यूरो कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की खराहल घाटी में बना रहे बिजली महादेव रोपवे में मामले में अब एनजीटी ने भी संज्ञान लिया है। वही एनजीटी ने अपनी अगली सुनवाई में विभिन्न विभागों से भी जवाब मांगा है। ऐसे में बिजली महादेव रोपवे विरोध समिति ने भी प्रशासन से मांग की है कि एनजीटी ने जब इस मामले में संज्ञान लिया है। तो तब तक रोपवे का निर्माण कार्य बंद किया जाना चाहिए। वहीं बिजली महादेव रोपवे विरोध समिति के सदस्यों ने ढालपुर में एडीएम के साथ भी मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा। बिजली महादेव रोपवे मामले में एनजीटी ने हिमाचल सरकार, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड, वन विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उपायुक्त कुल्लू को भी नोटिस जारी किया है। एनजीटी ने सभी को 25 नवंबर को होने वाली सुनवाई से पहले जवाब दाखिल करने को कहा गया है। एनजीटी ने स्थानीय निवासी नचिकेता शर्मा की ओर से दायर याचिका पर यह कार्रवाई की है। वही, एचपीएमसी के पूर्व उपाध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि जब एनजीटी ने इस मामले में संज्ञान लिया है। तो सबसे पहले यहां पर रोपवे के निर्माण कार्य को बंद किया जाना चाहिए। क्योंकि स्थानीय जनता भी रोपवे के विरोध में है और जिला कुल्लू के देवी देवताओं ने भी अब धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल बनाने से इनकार किया है। इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर समिति ने एडीएम से चर्चा की है और मांग रखी है कि जब तक एनजीटी में इस बारे अगला फैसला नहीं आता। तब तक निर्माण कार्य को बंद किया जाए।
वहीं बिजली महादेव रोपवे विरोध समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने बताया कि रोपवे के विरोध में पहले भी कई धरने प्रदर्शन किए गए हैं। ऐसे में सरकार को भी चाहिए कि वह जनता की भावनाओं को समझें और रोपवे निर्माण कार्य को रद्द करें। अगर उसके बाद भी जनता के पक्ष में फैसला नहीं आता है। तो जिला कुल्लू के लोग दिल्ली में जंतर मंतर में जाकर प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
गौर रहे कि बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट के लिए अभी तक देवदार के 77 पेड़ काटे जा चुके हैं। याचिका करता नचिकेता शर्मा ने एनजीटी को हाल ही में मानसून में परियोजना स्थल पर हुए भूस्खलन के बारे में भी बताया है और परियोजना को जल्द रोकने की मांग की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि परियोजना को आवश्यक अध्ययन किए बिना ही मंजूरी दी गई है। गौर रहे कि लगभग 2.4 किलोमीटर लंबे रोपवे का स्थानीय लोग तीन साल से विरोध कर इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों कहना है कि इसके निर्माण से न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। रोपवे जिला मुख्यालय के साथ पिरडी से बिजली महादेव मंदिर को जोड़ेगा। इस परियोजना का शिलान्यास मार्च 2024 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल माध्यम से किया था। निर्माण की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड को सौंपी गई है। रोपवे से सैलानी पिरडी से बिजली महादेव तक सात मिनट में पहुंच सकेंगे।